शौर्य,साहस और स्वाभिमान के प्रतीक परमवीर महाराणा प्रताप को सादर नमन और कुछ दोहे –
नाम गर्व से ले रहे, राणा का हम-आप।
अनायास दर्पण नहीं, उनका तेज़ प्रताप।।
ग्रहों-नक्षत्रों का बड़ा, बनता है शुभ योग।
पैदा होते तब कहीं, राणा जैसे लोग।।
लग जाता है दाँव पर,जीवन का अस्तित्व।
राणा जैसा तब कहीं, बनता है व्यक्तित्व।।
सदियों से ये कह रहा, राणा का बलिदान।
मातृभूमि की शान ही, वीरों की पहचान।।
जब भी लिखता है क़लम,उनका नाम-प्रताप।
भर जाता दिल जोश से,मेरा अपनेआप।।
– Dr.Hari Faizabadi
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aacha